Prabhakar Jyotish Sabse Saral Part – 2

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About The book :

यह भारतीय प्राचीन ज्ञान वास्तु विषय को लेकर उसका सरल रूप है जो कि नव जिज्ञासुआ ले लिऐ व जो पहले से ज्योतिष कि जानकारी रखने हैं उनके लिए कारागर सिद्ध होगी । इसका उद्देश्य वास्तु ज्ञान को जनसाधारण तक पहुंचाना है जो इस पुस्तक के द्वारा संभव है। वास्तु विश्वकर्मा द्वारा दि जाने वाली दुनिया को अमुल्य एवम् अनुपम भेट है। इस पुस्तक के द्वारा हमारे पूर्वजों के वैज्ञानिक ज्ञान को लेकर अनेक प्रकार के मत हैं कुछ उनको स्वीकार करते हैं कुछ नही करते उनकी संकाओ का समाधान निश्चित रूप से होगा। ये सनातन ज्ञान का अचूक साधन हैं। इसमे हम घर, दुकान, गार्डन, जमीन, महल, फॅक्ट्री का वास्तु देखना व समाधान दोनों प्राप्त कर सकते है। हमने भी वास्तु विज्ञान के गर्भ में छिपे सारयुक्त तत्वों को खोज निकाला है, जिसके आधार पर मकान में बिना तोंड – फोंड किए, केवल चल वस्तुओं को इधर – उधर रख देने मात्र से ही, वो सारे दोष दूर हो सकते हैं।

About The Author :

मैं अपने कुलदेव इष्ट देव गुरुजनों का आभारी हूं कि इस पुस्तक को लिखने की प्रेरणा मेरे मन मे जागृत हुई ओर ये मेरे 15 वर्षों का अनुभव ओर मेहनत का परिणाम है। इसको लिखने में मुझे अत्यंत आनंद की अनुभूति हो रही हैं और इसके माध्यम से सनातन की सेवा करने का मौका मिल रहा है। मैं अपने आप को भाग्यशाली मानता हूं की मेरा जन्म इस देश में हुआ जहा ऐसा अलौकिक ज्ञान विद्यमान हैं जो सर्व जन हिताय सर्व जन सुखाय के लिए हैं।

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Author: Pramod “Prabhakar”

Total Pages: 144
ISBN: 9788196973001

Price: 270
Category: BRELIGION / Spirituality
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